इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 11 अप्रैल तक खत्म होंगे. अब नवरात्रि शुरू होने में केवल कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में एक बार इस दिन की पूजा लिस्ट (Navratri Puja Vidhi) भी देख लें.
Navratri Puja Vidhi 2023
आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित पावन पर्व नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे हैं, जो कि 10 अप्रैल को समाप्त होंगे। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की अराधना की जाती है। मां शैलपुत्री के अलावा मां ब्रह्मचारिणी, मां चन्द्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री माता रानी के स्वरूप हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद माता रानी की चौकी स्थापित की जाती है। जानें नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें चौकी स्थापना व पूजन सामग्री लिस्ट (Navratri Puja Vidhi).
Navratri Puja Samagri List 2023
. चौड़े मुँह वाला मिट्टी का एक बर्तन (जौ बोने के लिए)
2. साफ मिट्टी
3. सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज)
4. कलश मिट्टी का और कलश को ढकने के लिए ढक्कन
5. साफ जल और थोड़ा सा गंगाजल
6. कलश के मुंह में बांधने के लिए कलावा/मौली
7. सुपारी
8. आम या अशोक के पत्ते (पल्लव)
9. अक्षत (कच्चा साबुत चावल)
10. छिलके/जटा वाला नारियल
11. लाल कपड़ा
12. पुष्प और पुष्पमाला
13. दूर्वा
14. सिंदूर
15. पान
16. लौंग
17. इलायची
18. बताशा
19. मिठाई
20. मां दुर्गा की प्रतिमा
Navratri Muhurat & Aarti 2023
सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल या स्वच्छ जल से धोकर पवित्र कर लें।
2. अब इसे साफ कपड़े से पोछकर लाल कपड़ा बिछाएं।
3. चौकी के दाएं ओर कलश रखें।
4. चौकी पर मां दुर्गा की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें।
5. माता रानी को लाल रंग की चुनरी ओढ़ाएं।
6. धूप-दीपक आदि जलाकर मां दुर्गा की पूजा करें।
7. नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योत माता रानी के सामने जलाएं।
8. देवी मां को तिलक लगाएं।
9. मां दुर्गा को चूड़ी, वस्त्र, सिंदूर, कुमकुम, पुष्प, हल्दी, रोली, सुहान का सामान अर्पित करें।
10. मां दु्र्गा को इत्र, फल और मिठाई अर्पित करें।
11. अब दुर्गा सप्तशती के पाठ देवी मां के स्तोत्र, सहस्रनाम आदि का पाठ करें।
12. मां दुर्गा की आरती उतारें।
13. अब वेदी पर बोए अनाज पर जल छिड़कें।
14. नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें। जौ पात्र में जल का छिड़काव करते रहें।
Navratra Mantra 2023
-नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
-सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
-ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
Ambey Gauri Aarti
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥
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